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यूपी सरकार का बोल्ड स्टेप है कमिश्नर राज का ये फैसला - केएल गुप्ता




लखनऊ 15 जनवरी 2020


           राजधानी में पुलिस कमिश्नर की व्यवस्था लागू होने के साथ ही लखनऊ में तीन नए थाने जल्द ही खुलेंगे, इनमें से दो नए थाने सुशांत गोल्फ सिटी एवं गोमतीनगर विस्तार के नाम से खुलेंगे तो शहरी क्षेत्र यानि कि कमिश्नर के अंडर में आयेंगे जबकि तीसरा थाना रहीमाबाद में खुलेगा जो ग्रामीण क्षेत्र में यानि कि पुलिस अधीक्षक लखनऊ देहात के अंडर में आयेगा। इस प्रकार से कमिश्नर के अंडर में कुल 40 थाने जबकि पुलिस अधीक्षक लखनऊ देहात के अंडर में 6 थाने हो जायेंगे।











अफसरों की फौज रहेगी लखनऊ में

कमिश्नरी व्यवस्था में 56 गजेडेट अफसरों की फौज की तैनाती रहेगी जिसके तहत पुलिस आयुक्त के अलावा 2 संयुक्त पुलिस आयुक्त, 10 पुलिस आयुक्त, 13 अपर पुलिस आयुक्त, 28 सहायक पुलिस आयुक्त एवं एक रेडियो अधिकारी व एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी की नियुक्ति की जा रही है। कमिश्नर व्यवस्था में पुलिस को कई नये अधिकार मिल जायेंगे जिनमें धारा 144 लागू करने, जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू लगाने, गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्यवाही अब पुलिस सीधे कर सकेगी।

इसके अलावा जुलूस-प्रदर्शन की अनुमति पुलिस देगी, सीआरपीसी की धारा 151 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई भी पुलिस करेगी।

वर्षो पुराना मिथक योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा

यूपी के दो शहरों में कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने की सबसे ज्यादा खुशी पुलिस विभाग के लोगों में ही है, पूर्व पुलिस अधिकारी भी इससे काफी उत्साहित हैं। प्रदेश के तेज तर्रार और साफ सुथरी छवि के डीजीपी रहे बृजलाल कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू करके वर्षों पुराने इस मिथक को थोड़ा है कि यूपी के राजनैतिक नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी है, परन्तु योगी आदित्यनाथ ने ये कर दिखाया इसके लिए उन्हे प्रदेश की जनता एवं पुलिस विभाग की ओर से बहुत-बहुत बधाई।

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, एके जैन एवं केएल गुप्ता ने कहा कि इस प्रणाली को लागू करने के पहले भी प्रयास तो बहुत हुए। 1977 में धर्मवीर आयोग ने भी इसकी प्रबल संस्तुति की थी। 1861 के पुलिस एक्ट के दायरे से निकलकर पुलिसिंग में बदलाव के लिए ये एक अच्छा कदम है। यह फैसला सरकार का बोल्ड स्टेप है।

लखनऊ के थानेदारों में मचा हड़कंप…

पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू होते ही सबसे ज्यादा हड़कंप लखनऊ में तैनात थानेदारों में ही मचा हुआ है। कई मठाधीश थानेदार तो कप्तानों तक की नहीं सुनते थे, तो कई एक जिले में तैनाती का समय पूरी होने के बाद भी घूम-फिर कर लखनऊ में ही डटे हुए हैं। अब एक की जगह कई अफसर और वो भी आईपीएस करेंगे थानों की निगरानी। एएसपी व सीओ रैंक के अधिकारी भी मान रहे हैं कि अब लखनऊ में नौकरी करना तलवार की धार पर चलने जैसा होगा।

कई थानेदारों ने दबी जबान में कहा कि अभी तक तो लखनऊ में एक आईपीएस अधिकारी (एसएसपी) ही सब कुछ हुआ करता था अब कई आईपीएस उन्हे माॅनिटर करेंगे।

निगोहां थाने के लिए अब नया सीओ होगा ?

लखनऊ शहर की पुलिसिंग में बदलाव के साथ ही लखनऊ के ग्रामीण 

क्षेत्र में भी थोड़ा बदलाव होगा। अभी तक सीओ मलिहाबाद के अंडर में मलिहाबाद के अलावा माल और काकोरी थाना आता था अब इसमें से काकोरी थाना लखनऊ कमिश्नरी में आ जाएगा, वहीं बीकेटी एवं इटौंजा थाना एक सीओ के पास रहेगा।

ग्रामीण क्षेत्र के मोहनलालगंज सर्किल के अंतर्गत आने वाला निगोहां थाने का सुपरविजन अब कोई नया सीओ करेगा क्योंकि मोहनलालगंज थाना अब लखनऊ कमिश्नरी में आ गया है। व्यवस्था में एक और बदलाव यह हुआ है कि राजधानी और नोएडा कमिश्नरेट अब जोन की तरह काम करेंगे। यहां तैनात अराजपत्रित पुलिसकर्मियों का तबादला एडीजी जोन एवं आईजी रेंज की जगह अब एडीजी स्थापना के स्तर से होगा

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