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आखिर पुलिस मुठभेड में मारा ही गया कानपुर वाला विकास दुबे ...... आंतकी का एक अध्याय समाप्त या फिर दुसरे गुर्गों पर भी हो सकती है इसी तरह की कार्यवाही ?

यूपी पुलिस के 8 लोगों को निर्दयता से मौत के घाट उतारने वाला कानपुर का विकास दुबे आज शुक्रवार को सूरज की किरणें नहीं देख पाया







सलाम खाकी डैस्क दिल्ली 10 जुलाई 2020


            उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवानों को निर्दयता के साथ मौत के घाट उतारने वाला विकास दुबे 10 दिन बाद का सूरज नहीं देख पाया । आखिरकार आज 10 जुलाई की सुबह का सूरज निकलने से पहले ही कानपुर हाईवे पर सुरक्षाबलों ने हथियार छीन कर भागने की कोशिश में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया ।


       विकास दुबे को लेकर पिछले 10 दिनों से और 10 राज्यों की पुलिस उसको तलाश करने में जुटी रही आखिरकार शायद विकास दुबे भी अपनी जिंदगी बचाने के उद्देश्य से या किसी राजनीतिक सहायता के चलते नाटकीय ढंग से मध्य प्रदेश के उज्जैन के मंदिर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया । हालांकि वहां के एक गार्ड द्वारा इसकी सूचना पुलिस को देना बताया गया है ।
            गुरूवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन मे पकडे गये विकास दुबे की फाइल फोटो
          
     मध्य प्रदेश पुलिस से विकास दुबे को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस एसटीएफ व अन्य पुलिस बल उसको कानपुर लेकर आ रहे थे सूत्रों से जानकारी मिली कि बीच रास्ते में विकास दुबे ने पुलिस का पिस्टल छीनकर कर भागने की कोशिश की तो सुरक्षाबलों ने भी मुठभेड़ के दौरान उस पर गोलियां चलाई । जिसमें विकास गंभीर रूप से घायल हो गया उसे वहां के अस्पताल में लाया गया जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया । इस घटना मे दो पुलिस कर्मी भी घायल बताये गये है ।

    क्या बोली थी विकास दुबे की मां 👇


 पाप का घड़ा भर से ही आखिर फूट गया

           60 से अधिक पापों का घड़ा उस समय भर गया था जिस समय उसने पुलिस के सिपाही से लेकर सीओ तक के अधिकारियों को एक ही फीते से नाप दिया । इतना ही नहीं उन पर क्रूरता की सारी सीमाएं भी पार कर दी थी । इससे पहले जिस भी किसी व्यक्ति को उसने मौत की नींद सुलाया होगा उसका भी हिसाब आज 10 जुलाई की सुबह ने कर दिया । ज्ञात रहे 1 जुलाई में कानपुर देहात की पुलिस के 8 जवानों को विकास दुबे तथा इसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए मौत की नींद तो सुलाया ही था मगर शवों को भी बडी क्रुरता के साथ कुल्हाड़ी से काट दिया गया था । 
    


    पुलिस के सर चढ़कर बोलने वाले एक आतंकी का अध्याय हुआ समाप्त

      पुलिस के 8 जवानों को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाला केवल विकास अकेला ही नहीं था । हालांकि इसके 3 गुर्गे अलग-अलग पुलिस के हाथों मौत की नींद सो चुके हैं मगर अभी भी हो सकता है कि विकास के कुछ गुर्गे पुलिस की हिटलिस्ट में हो ।




सलाम खाकी न्यूज़ ऑनलाइन एवं मासिक पत्रिका के समाचार संपादक सलेक चंद वर्मा की रिपोर्ट

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