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निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने से देश की महिलाओं को मज़बूती मिलेगी - निर्भया की मां , एक आरोपी मुकेश की मां द्वारा गिडगिडाते हुए माफ कर दिये जाने पर जवाब दिया था निर्भया की मां ने

निर्भया कांड के एक आरोपी मुकेश की मां‌ ने‍   कहा- मेरे बेटे को माफ कर दो व, मैं उसकी ज़िन्दगी की भीख मांगती हूं



 

नई दिल्ली ‍कार्यालय सलाम खाकी 8 जनवरी 2020

  वर्ष 2012 में एक मेडिकल छात्रा - जिसे सारी दुनिया निर्भया के नाम से जानती है - के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में जब मंगलवार को अदालत में जज ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाए जाने का आदेश दिया, उससे कुछ ही क्षण पहले दोषियों में से एक की मां को गिड़गिड़ाते हुए देखा गया. दोषी मुकेश सिंह की मां चलकर निर्भया की मां के पास गई, और भीख मांगने के अदाज़ में उनकी साड़ी पकड़कर गिड़गिड़ाई, "मेरे बेटे को माफ कर दो, मैं उसकी ज़िन्दगी की भीख मांगती हूं.....वह रोती रही, और निर्भया की मां भी. और फिर निर्भया की मां ने जवाब दिया, "मेरी भी बेटी थी... उसके साथ क्या हुआ, मैं कैसे भूल जाऊं...? मैं इंसाफ के लिए सात साल से इंतज़ार कर रही हूं..."

    निर्भया की मां : फैसला सुनने के बाद कोर्ट से बाहर

फैसले के बाद, निर्भया की मां ने रिपोर्टरों से कहा कि चारों दोषियों को फांसी दिए जाने से देश की महिलाओं को मज़बूती मिलेगी. उन्होंने कहा, "इस फैसले से न्यायिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास मज़बूत होगा... हमारे लिए 22 जनवरी बड़ा दिन है... मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया..."


फैसले को सुनते ही चारों दोषी रो-पडे -

           मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) - भी रोने लगे. जज ने उनके खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया, जिसे 14 दिन के भीतर अमल में लाया जाना है. इसी वक्फे के दौरान वे अपने सारे कानूनी विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि चारों को तिहाड़ जेल में जेल नंबर 3 में अलग-अलग कोठरियों में रखा जाएगा. वे अपने परिवार के किसी एक सदस्य से सिर्फ एक बार मुलाकात कर सकेंगे । 


क्या था पूरा मामला

              16 दिसंबर, 2012 को 23-वर्षीय निर्भया तथा उसका मित्र दक्षिणी दिल्ली में एक फिल्म देखकर घर लौटने के लिए सवारी तलाश कर रहे थे, जब उन्हें बहका-फुसलाकर प्राइवेट बस में बिठा लिया गया, जिसमें उनसे पहले ड्राइवर तथा क्लीनर को मिलाकर कुल छह लोग सवार थे. इसके बाद कई घंटों तक निर्भया के साथ बलात्कार किया गया, और उसे लोहे की छड़ से यातना भी दी गईं, और अंत में उसे बेहद बुरी तरह ज़ख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया गया. इसके बाद इलाज के दौरान 29 दिसंबर को निर्भया की मौत ने पूरे मुल्क को झकझोरकर रख दिया था.

एक आरोपी ने जेल मे ही कर ली थी आत्महत्या

           इन चारों दोषियों के अलावा पुलिस ने अपराध के बाद दो और लोगों को गिरफ्तार किया था । राम सिंह नामक आरोपी कुछ ही दिन बाद तिहाड़ जेल में अपने बैरक में लटका मिला था । तथा छठे दोषी , जो अपराध के वक्त 18 वर्ष का नहीं हुआ था , को तीन साल सुधार गृह में रहने के बाद रिहा कर दिया गया था। 


सलाम खाकी न्यूज दिल्ली मुख्यालय से समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट


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