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ललितपुर ; जनपद के बिरधा हॉस्पिटल में डीएम को मिली अव्यवस्थाएं , प्रभारी चिकित्सा अधिकारी भी मिले नदारद

जनपद के  बिरधा  चिकित्सालय  में मिला  अव्यवस्थाओं का दौर 

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा का आकस्मिक निरीक्षण


प्रभारी चिकित्साधिकारी मिले अनुपस्थित


ललितपुर :   गुरूवार को जिलाधिकारी  मानवेन्द्र सिंह द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बिरधा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान डा0 अजय खरे, प्रभारी चिकित्साधिकारी अनुपस्थित पाये गये। इस पर निर्देशित किया गया कि डा0 खरे 02 दिवस में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि वह बिना किसी सूचना/अवकाश प्रार्थना पत्र के क्यों अनुपस्थित रहे। अन्य स्टॉफ मौके पर उपस्थित पाया गया। डा0 छात्रपाल एवं डा0 अनिल कुमार (आयुष चिकित्सक) निरीक्षण के समय साथ में रहे। 

         ‌ओ0पी0डी0 कक्ष , इमरजेंसी कक्ष , प्रयोगशाला कक्ष , कोल्ड चेन, प्रसव कक्ष , एनआरसी, जेएसबाई वार्ड , टी0बी0 प्रयोगशाला कक्ष का निरीक्षण किया गया।

         ओ0पी0डी0 कक्ष में निरीक्षण के दौरान 73 पुरुष/महिलाओं का पंजीकरण किया जा चुका था। पूछने पर ज्ञात हुआ कि प्रतिदिन 250-300 ओ0पी0डी0 होती हैं , जिनमें गर्भधारण के 8-10, मलेरिया के 25-30 मरीज औसतन आते हैं। आकस्मिक वार्ड में टायफायड से ग्रसित महिला एवं एक मरीज इलैक्ट्रिक शॉर्ट का भर्ती पाया गया , जो उपचाराधीन थे ।


             बताया गया मरीज खतरे से बाहर हैं। केन्द्र पर 02 फार्मासिस्ट हैं, जिनमें से एक दिन को व एक रात को डियूटी पर रहते हैं। उमाकान्त फार्मासिस्ट डियूटी पर पाये गये । आयुष्मान मित्र आशीष दुबे द्वारा बताया गया कि अभी तक कुल 700 कार्ड बन गये हैं, जिनमें से 32 मरीज लाभान्वित हुये हैं। जो गंभीर बीमारी से ग्रसित लाभार्थी आते हैं, उन्हें जिला मुख्यालय रेफर किया जाता है, वहां से इनके उपचार हेतु अग्रेतर कार्यवाही की जाती है। ज्योति राजपूत पत्नि छोटू निवासी सतौरा की 6 माह की बच्ची कुमारी नीलम भर्ती थी। 

     खिड़कियों पर पान थूंक दिये जाने के कारण दाग-धब्बे जमे पाये गये। शौचालय गंदे पाये गये। कण्डम रुम में निष्प्रयोज्य सामग्री रखी पाई गई, जिसे एक माह में नियमानुसार नीलामी की कार्यवाही सम्पादित किये जाने के निर्देश दिये गये। कण्डम रुम में बरसात के उपरान्त रंगाई-पुताई कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। खिड़कियों में ग्लास टूटे पाये गये।स्टोर रुम में दिव्यांग व्यक्तियों को दिये जाने हेतु काफी संख्या में वाकर एवं वाकिंग स्टिक्स रखे पाये गये, जो पात्र व्यक्तियों को अभी तक वितरित हो जाने चाहिये थे, जो नहीं किये गये। इस सम्बन्ध में पूंछे जाने पर डाक्टर संतोषजनक कारण नहीं बता सके। 

निर्देश दिये गये कि जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी इनका निरीक्षण कर सुरक्षित वॉकर/स्टिक्स को क्षेत्रीय दिव्यांगों को दिये जाने हेतु चिकित्सीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित करें व एक सप्ताह में अवगत करायें।




ललितपुर ( उ०प्र०) से यूपी हेड 
मानसिंह के साथ पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट

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