उपभोक्ता का आरोप है कि भगत हर महीने ₹200 की रिश्वत मांगता था और इनकार करने पर धमकी देता था –
"अगर पैसे नहीं दिए, तो स्मार्ट मीटर लगवा दूंगा और जैसा चाहूंगा वैसा बिल बना दूंगा।"
यह धमकी न केवल उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है, बल्कि विभाग की कार्यशैली पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।
⚠️ भ्रष्टाचार का वायरल चेहरा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। जहां एक ओर सरकार डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता की बात करती है, वहीं इस तरह की घटनाएं धरातल पर सच्चाई को उजागर करती हैं।
वीडियो की पुष्टि:
- भगत उपभोक्ता से नगद ₹500 लेते साफ़ दिख रहा है।
- उपभोक्ता का दावा – यह पैसे मीटर में छेड़छाड़ न करने के एवज में लिए गए।
🚨 जनता का आक्रोश और माँगें
घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल है। लोगों ने बिजली विभाग से सख्त कार्रवाई की माँग की है:
- मीटर रीडर भगत को तत्काल सस्पेंड किया जाए।
- विभागीय जांच कमेटी गठित हो जो पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच करे।
- भ्रष्टाचार में संलिप्त अन्य कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो।
📜 नियम क्या कहते हैं?
बिजली विभाग के नियमानुसार:
- किसी कर्मचारी द्वारा रिश्वत लेना एक दंडनीय अपराध है।
- ऐसा करना कर्मचारी की सेवा शर्तों का उल्लंघन है।
- ऐसे मामलों में आवश्यक विभागीय जांच के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी की जानी चाहिए।
📣 जनता की आवाज
"हम चाहते हैं कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए ताकि आम उपभोक्ता को मानसिक, आर्थिक और प्रशासनिक उत्पीड़न से बचाया जा सके।"
– स्थानीय नागरिक
निष्कर्ष:
यह घटना सिर्फ एक उपभोक्ता की नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की सच्चाई को उजागर करती है। अब सवाल यह है कि क्या बिजली विभाग इस पर सिर्फ "नोटिस" जारी करेगा या सच्ची कार्रवाई भी करेगा?
"सलाम खाकी" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका इस मामले पर नज़र बनाए हुए है और जनता की आवाज को बुलंद करता रहेगा।
📍रिपोर्ट:
रामकुमार चौहान,
कैमरामैन: तलाह मिर्जा
📞 संपर्क: 8010884848
📧 ईमेल: salamkhaki@gmail.com
🌐 वेबसाइट: www.salamkhaki.com
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