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आओ ट्रम्प भारत दिखाये बहुत ही सुंदर कविता : प्रभाकर सिंह

आओ ट्रम्प  भारत दिखाएं
तुम्हें गांव का ताल दिखाएं
बुढ़िया वाला बाल दिखाएं
एक दाम बस दस रुपये में
मिलने वाला माल दिखाएं
आओ ट्रम्प भारत दिखाये
शादी की बग्घी दिखलाये
संतों की गद्दी दिखलाए
बारह लोग हैं सोते जिसमें
कलुवा की झुग्गी दिखलायें
आओ ट्रम्प भारत दिखाएं
तुम्हें देश का मूल दिखाएं
गूलर वाला फूल दिखाएं
पानी बरसा तो एक गड्ढा
हो गया स्विमिंग पूल दिखाएं
आओ ट्रम्प भारत दिखाएं
तुम्हें धुमनिया बेल दिखाएं
साड़ी वाली सेल दिखाएं
गेट पर लटके दूध के डिब्बे
जनरल डिब्बा रेल दिखाएं
आओ ट्रम्प भारत दिखाएं
सुरती खा थूकना दिखाएं
बुकनू का बूकना दिखाएं
बिना ग्लब्ज़ पहने हाथों में
गोबर से लीपना दिखाएं
आओ ट्रम्प भारत दिखाएं
तुम्हें अक्ल की दाढ़ दिखाएं
तुम्हें कांपते हाड़ दिखाएं
बीच सड़क पर शहंशाह सा
बैठा अड़ियल सांड  दिखाएं
आओ  ट्रम्प भारत  दिखाएं 
गांवो   की  दुर्दशा   दिखाएं 
सूखे खेत खलियान दिखाएं   
खेतों  फसलों को   चरते हुए 
आओ   अन्ना साड  दिखाएं 
अन्ना  साड़ो   के   हमलों से 
मरते  हुए   किसान दिखाएं 
छुआ-छूत और भेदभाव का 
पीते जहर   इंसान  दिखायें‌
महान‌  ट्रम्प भारत   दिखायें ।
प्रभाकर सिंह रिसर्च स्कॉलर
इलाहाबाद विश्वविद्यालय।   🙏🙏🙏

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