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शामली में जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के लिपिक को , एन्टी करप्शन टीम ने घूस लेते हुए दबोचा

 जिला कृषि रक्षा अधिकारी का लिपिक 6 हज़ार की घूस लेते गिरफ्तार



 जनपद शामली में पुलिस की एंटी करप्शन टीम ने कीटनाशक बिक्री लाइसेंस बनवाने के नाम छः हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबू मुनीश कुमार को रंगेहाथ पकडा । एंटी करप्शन की टीम को बाबू द्वारा घूस माँगने की शिकायत मिली थी


 शामली (उ०प्र०) 15 दिसम्बर 2020

      मेरठ की एंटी करप्शन की टीम ने जिला कृषि रक्षा अधिकारी के कार्यालय में उनके बाबू को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रामपुर गांव (थाना छपार, जिला मुजफ्फरनगर) निवासी देवराज रावल ने शामली क्षेत्र के गांव कांजरहेड़ी में कीटनाशक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। देवराज के चाचा और भाकियू ब्लॉक उपाध्यक्ष (ब्लॉक मुजफ्फरनगर सदर) सुरेंद्र रावल लाइसेंस के संबंध में करीब 25 दिन पहले जिला कृषि रक्षाअधिकारी विकास कुमार से रेलपार के शिव विहार कॉलोनी स्थित कार्यालय में मिले थे।

 उन्होंने पूरी प्रक्रिया बताते हुए वरिष्ठ पटल सहायक मुनीष कुमार से मिलने के लिए कहा था। वह उनसे मिले और मुनीष ने ऑनलाइन आवेदन करने के लिए शामली कलक्ट्रेट परिसर में एक टाइपिस्ट के पास भेजा। 19
दिसंबर 2019 को टाइपिस्ट ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया और फीस के रूप में पांच सौ रुपये लिए। तीन जनवरी को सुरेंद्र रावल ने लाइसेंस की फीस 1500 रुपये बैंक के माध्यम से जमा कर दिए। इसके बाद वह मुनीष कुमार से मिले और टाइपिस्ट का नाम लेते हुए कहा कि वह आगे की प्रक्रिया समझा देगा।
टाइपिस्ट ने इन्हें बताया कि लाइसेंस बनवाने के लिए दस हजार रुपये देने होंगे। इसके बिना काम नहीं हुआ। छह हजार रुपये में बात बन गई , हालांकि तब
रकम नहीं दी गई। सुरेंद्र ने इसकी शिकायत करीब छह दिन पहले पुलिस की एंटी करप्शन मेरठ की टीम से की। सोमवार को एंटी करप्शन टीम ने सुरेंद्र को मेरठ बुलाया था और कार्रवाई की प्लानिंग की गई। मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम शामली पहुंच गई। कुल
पांच इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल टीम में शामिल थे।

 जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से मिलकर उन्होंने दो अधिकारी सरकारी गवाह के रूप में लिए । दोपहर में करीब दो बजे सुरेंद्र जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और मुनीष कुमार से मिले। अपनी फाइल के बारे में बताया और दो-दो हजार के तीन नोट दिए। इसमें से एक हजार रुपये (500 रुपये के नोट) मुनीष ने वापस भी कर दिए। तभी टीम अंदर दाखिल हुई और रिश्वत लेते पकड़ लिया। टीम आरोपी को कोतवाली शामली लेकर पहुंची आरोपी बाबू के खिलाफ आगे की कार्रवाई में जुट गई। इसी दौरान आरोपी के हाथ भी धुलवाए गए, क्योंकि टीम ने नोटों पर केमिकल लगाया हुआ था। 




और ऐसे में सवाल यह उठता है कि माननीय मुख्यमंत्री के सख्त आदेशों के बावजूद भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं तो वही मुनीश बाबू रिश्वत लेते पकड़े गए हैं तो उन पर ही कार्रवाई की जा रही है लेकिन उन अधिकारियों का क्या है जो इन बाबुओं से रिश्वत मंगवाते हैं और फिर उस पैसे की बंदरबांट करते हैं सवाल यह भी है कि आखिर रिश्वत बाबू ने खुद के लिए ली थी या फिर अधिकारी भी उसमें शामिल हैं वहीं इस पूरे खेल में शामली कलेक्ट्रेट में काम करने वाले जिस टाइपिस्ट का नाम आ रहा है क्या उसके खिलाफ भी कोई कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी या नहीं।




बाइट:--- सुरेंद्र रावल (शिकायतकर्ता)





बाइट:--- गजेंद्र सिंह (प्रभारी एन्टी करप्शन टीम)


सलाम खाकी न्यूज शामली संवाददाता अजय कुमार बावरा की रिपोर्ट

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