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*सीएलजी द्वारा तलाक के कगार पर खड़े पति पत्नी के मन मुटाव को दूर कर,  आपस में सदभावना से रहने का समझौता करवाया गया।*


शिकायतकर्ता फिरोजखान ने अपनी शिकायत में अपनी पत्नी सलमा व उसके माता पिता के विरुद्ध बहुत दोष लगाते हुए लिखा कि उन्होंने उससे पांच लाख रूपये उधर लिए थे जो वापस नहीं किये गये। उसकी पत्नी भी घर से सारे गहने व पैसे ले कर चली गई थी और मुझे मेरी दो बेटिओं से भी नहीं मिलने देती। उसके माता पिता मेरा घर नहीं बसने देते। 



सीएलजी सदस्य एस. सी. पाहवां ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों को सीएलजी के समक्ष बुलाकर सुना गया और ये निष्कर्ष निकला कि शिकायत कर्ता द्वारा लगाये गए दोष तथ्यों से परे हैं और शिकायत कर्ता स्वयं शराब पीने का आदि है जो पत्नी के साथ मारपीट करता है। बहुत समझाने के बाद भी सलमा साथ न रहने को कहती रही व तलाक लेने की प्रार्थना की। वरिष्ठ नागरिक फोरम द्वारा परिवार व दोनों बेटियों का वास्ता देते हुए दोनों पक्षों को एक सप्ताह का समय दिया गया। जो आज दोनों पक्षों को पेश होने के बाद काफ़ी समय काउंसलिंग की गई। सलमा के माता पिता को भी दखल अंदाज़ न करने की हिदायत दी गई। काफी समझाने के बाद पति पत्नी ने इकटठे रहने की सहमति प्रदान की। सलमा को दोनों बच्चों सहित उसके पति के साथ भेज दिया गया। निसंदेह सीएलजी सदस्यों को अपना कर्तव्य निर्वाह करते हुए संतुष्टि का अहसास हुआ।


सलाम खाकी न्यूज़ फतेहाबाद से

 ब्यूरो चीफ़

 उजागर सिंह की रिपोर्ट 


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