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पुलिस अधीक्षक डॉ.अर्पित जैन ने "राष्ट्रीय प्रैस दिवस" पर मिडिया कर्मियों को दी शुभकामनाएं ।

 


लोकतंत्र को मजबूत बनाने व किसी भी विभाग तथा संस्थान की उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाने में मिडिया कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका ।


सिरसा-16 नंवबर..........पुलिस अधीक्षक डॉ.अर्पित जैन ने "राष्ट्रीय प्रैस दिवस" पर मिडिया से जुड़े सभी पत्रकारों व छायाकारों को "राष्ट्रीय प्रैस दिवस" पर शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि प्रैस और मिडिया के लोग जनहित के मुद्धे उठा कर लोगों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतंत्र देश है और पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भारत में प्रैस की स्वतंत्रता भारतीय सविधान के अनुच्छेद 19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है । भारत में प्रैस की स्वतंत्रा की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उदेश्य से एक प्रैस परिषद की कल्पना की थी और 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रैस कांसिल की स्थापना की गई थी जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरु किया । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस दिन को तब से लेकर आज तक हर साल "राष्ट्रीय प्रैस दिवस" के रुप में मनाया जाता है । उन्होंने कहा कि इस दिवस का मूल उदेश्य प्रैस की आजादी के महत्व के प्रति जागरुकता फैलाना है । ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मिडिया अहम भूमिका निभाता है । उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्क,शिक्षाप्रद एंव मनोरजंनात्मक संदेश पंहुचाने की कला एंव विद्या है । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समाचार पत्र एक ऐसी उत्तर पुस्तिका के समान है जिसके लाखों परीक्षक एंव अनगिनत समीक्षक होते है । उन्होंने कहा कि समाचार पत्र प्रतिदिन घटनात्मक खबरों का प्रचार-प्रसार करते है और जिनके अध्यन से लोगों का ज्ञान बढ़ता है । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी विभाग या  संस्थान की उपलब्धियां आमजन तक पंहुचाने में समाचार पत्रो का विशेष योगदान रहता है ।



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