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झिंझाना (शामली) उर्स के मेले में मुनकीद आल इंडिया मुशायरें मे शायरों ने लूटी दर्शकों की वाह - वाह , दर्शकों की भीड बनी एक रिकार्ड

अंधे - बहरों की नगरी का जिम्मेदार कौन है , यहाँ अफ़सर , लीडर हर कोई बिकाऊ है





*  झिंझाना के उर्स मेले में हुआ ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन 

*  शायरों के मतलों , चार मिस्रों आदि की वाह - वाह से गूंज उठा पंडाल







झिंझाना 29 सितंबर :  प्रति वर्ष की भांति इस बार भी झिंझाना में चल रहे 853 वें उर्स के मेले में "ऑल इंडिया मुशायरा" का आयोजन किया गया । जिसमें दूरदराज से आए अनेक शायरों ने अपनी शायरी , मिस्रों , मतलों आदि से महफिल को नवाजा और दर्शकों की वाहवाही लूटी । मुशायरे में उत्तराखंड के दर्जा प्राप्त मंत्री तथा दिल्ली के बुखारी साहब ने भी शरीक होकर मुशायरे की रौनक बढ़ाई । इस मुशायरे में काफी दूर-दूर से आकर दर्शकों ने भी भाग लिया और मुशायरे के मजे को लूटा । मुशायरा आज सुबह करीब 5 बजे तक चला।

                  कस्बे में औलिया हज़रत सैयद इमाम महमूद नसीरुद्दीन सब्जवारी शहीद रहमतुल्लाह अलैह के 853 वे उर्स मुबारक के मौके पर ऑल इंडिया मुशायरा आगाज़ किया गया । मुशायरे की निजामत रियाजउद्दीन सागर ने बहुत ही उम्दा लहजे में की । सदर जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम दिल्ली के सदर जनाब सैयद याहया बुखारी ने मुशायरे की सदारत की।          

                   निजामत कर रहे रियाजुद्दीन सागर ने कुछ इस अंदाज में शायरों को बुलाया कि..

 मोहब्बत से हर तूफान का , रुख मोड़ देते हैं हम।
 तोड़ते हो तुम और जोड़ते हैं हम ।।
           सबसे पहले जनाबे अली बाराबंकीवी ने दुनियावी इश्क से हटकर अल्लाह ताल्हा से इश्क करने का संदेश देते हुए कहा कि 
  जहां इश्क में मिट जाए... सौदा हो तो ऐसा हो। सरकार दो आलम से.. रिश्ता हो तो ऐसा हो ।।
  बिन मांगे ही सब कुछ... अल्लाह अता कर दे ।
काबा हो तो एसा हो ... सजदा हो तो ऐसा हो ।।
          
       सहारनपुर से तशरीफ लाए शायर काशिफ रजा ने अपने चार मिस्रो के माध्यम से ‌, समाज मे फैले भ्रष्टाचार पर अपने शब्दों को कुछ इस तरह बयां किया...

अंधे - बहरों की नगरी का जिम्मेदार बिकाऊ है । अफसर , लीडर हर कोई यहां बिकाऊ है 

यह सरकार बिकाऊ है....

             
                शायरा मोहतरमा शाहिस्ता सना नें हिंदुस्तानी गाने के लहजे में कुछ अपनी लाइनें इस तरह से सुनाई...
       एक आईना , एक ही सूरत , सबकी एक कहानी
जिस्म है हिंदू मुस्लिम लेकिन , जान तो हिंदुस्तानी 
  
    अफजल झिंझानवीं ने अपने सब्र की इम्ताह कुछ इस तरह दी  
‌ जमाना कितनी भी पाबन्दियां करें आयद 
अजान देने यकीनन , बिलाल आएगा ।।
 सितम सहेंगे कब तक आखिर , कभी तो खून में उबाल आएगा ।।
                झिंझाना के शायर इमरान झिंझानवीं ने भी कुछ यू फरमाया ....
      बादशाहत को जो ठुकरा के चला जाता है ।
उसको देखा परिंदों पे हुकूमत करता 
अभी तो आपने देखे हैं कत्ल ही अपने ।
अभी तो आपको कातिल शुमार होना है ।।


                   चार मिसरे सुनाते हुए दिल्ली से आए अबू नवेद ने फरमाया...
हवाओं के मुकम्मल चिराग हम अपना जला देंगे जो दहशतगर्द है उनको , जमाने से मिटा देंगे ।।अगर हम एक हो जाए तो दुनिया को हिला देंगे ।        हमारा देश भारत है सभी की आंखों का तारा है । 
हमें इस मुल्क की खातिर मरना भी गंवारा है ।।
     उत्तराखंड के रुड़की से तस्वीर तशरीफ़ लेकर आए जनाब अलीम वाजिद ने अपनी ग़ज़ल में बेटियों के बारे में फरमाया ...
          जन्नत के जैसा हो गया मेरा मकान तो बेटी ने की है तिलावत अभी-अभी 
     जालिम का सामना हमें कर जाना चाहिए या फिर कहीं डूब के मर जाना चाहिए ।।
          फिरोजाबादी शायर जनाब हाशिम ने कुछ आशिकी भरे अंदाज में इस तरह से दर्शकों को गुदगुदाया....
सामने सबके तुम यूं आया न करो ।
  छत पर बाल यू ना सुखाया करो ।।
मनचलों की नजर तुमको लग जाएगी ।
अपनी आंखों में काजल लगाया करो ।।


        
            मुशायरे का आगाज चेयरमैन नगर पंचायत झिंझाना नौशाद कुरेशी व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने शमा रोशन करके किया । इस अवसर पर तशरीफ लाए उत्तराखंड हज कमेटी के चेयरमैन दर्जा राज्यमंत्री जनाब शमीम आलम साहब ने कहा कि मुशायरा लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है । उन्होंने मेला कमेटी को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद और मुबारकबाद दी ।

             भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भी आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुशायरा हिंदू मुस्लिमों की आपस की मौत मोहब्बत का पैगाम देता है । राकेश टिकैत ने इस मौके पर किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की अपील भी की जिसका सभी दोस्तों ने ताली बजाकर स्वागत किया । 
‌‌‌‌‌          इस तरह से और भी अनेक शायरों जनाब अल्ताफ जिया , जनाब वसीम राजू पुरी , जनाब बिलाल सहारनपुरी , जहाज देवबंदी , आकिफ शजा देवबंदी , मुरादाबादी मोहतरमा निकहत , वसीम झिंझानवीं आदि शायरों ने भी अपने अपने शायरों से दर्शकों को गुदगुदाया और तालियां बटोरी और दर्शकों की वाह-वाह को खूब बटोरा ।

‌          झिंझाना नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनोद सिंघल ने भी झिंझाना चेयरमैन समेत कई अन्य मेहमानों को शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया । दरगाह के सज्जादा नशीं अलहाज अमजद अली अल्वी , बाबर हुसैनी कुद्दूसी , शफकत हुसैन अल्वी आदि लोगों ने बाहर से आए मेहमानों का इस्तकबाल किया । मेला ठेकेदार रईस कुरैशी तथा काजी शान मियां , आदि लोगों का भी सहयोग सराहनीय रहा । 




    कई वक्ताओं ने इस उर्स को 850वां उर्स बताया 
             उत्तराखंड हज कमेटी चेयरमैन धनाम शमीम आलम साहब तथा निजामत कर रहे रियाजउद्दीन सागर साहब अपने संबोधन में 853 वें इस उर्स को 850 वां उर्स बोलते रहे । मगर किसी आयोजक साहेबान ने उनको ठीक बताना गंवारा नही समझा ।‌ आम लोगों मे इसकी चर्चा रही ।






सलाम खाकी न्यूज़ से समाचार संपादक सलेक चंद वर्मा की रिपोर्ट

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