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हर घर नल से जल’ नहीं, दरोगा जी के घर ‘जलजला योजना’!


✍🏼 रिपोर्ट: ज़मीर आलम | सलाम खाकी राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


सरकार का सपना था – हर घर नल से जल पहुंचे। पर हमारे दरोगा जी के घर तो जैसे सरकार ने जल ही जल पहुंचाने की ठान ली है! ऐसा लगता है, जैसे पाइपलाइन नहीं, गंगा की कोई शाखा सीधे घर के ड्राइंग रूम में मोड़ दी गई हो।

कल तक पानी दरवाज़े तक था, आज सोफा पार कर मंदिर तक पहुंच गया है। और दरोगा जी... अब योगा से आगे बढ़कर “जल-योगा” में पारंगत हो चुके हैं। सुबह-सुबह पानी में खड़े होकर नहाते हैं, फिर वहीं ध्यान लगाते हैं। कह रहे हैं — "अब तो आत्मिक शुद्धि हो रही है, तन-मन दोनों स्वच्छ।"

बीवी की बात सुनिए —
"कपड़े सूखें या ना सूखें, आत्मा जरूर धुल रही है।"
कहना मुश्किल है, ये व्यंग्य है या शांति का उच्चतम स्तर।


सरकारी योजनाएं और दरोगा जी का हाल

यह वही दरोगा जी हैं, जो मोहल्ले की हर मीटिंग में "हर घर जल" के पोस्टर लगवाते थे। पर अब हाल ये है कि

  • उनके घर की बाल्टी में भी ओवरफ्लो अलार्म बज रहा है,
  • किचन सिंक में नहाने लायक पानी जमा हो चुका है,
  • और डाइनिंग टेबल अब फिश टैंक में बदल चुका है।

दरोगा जी अब सरकार के 'डेली स्नान' वाले मंत्री जी को पीछे छोड़ने की तैयारी में हैं। हर दिन सुबह-शाम स्नान कर रहे हैं — और वो भी बिना गंगा यात्रा किए!


जनता का सवाल: “ये जल-योगा सबके लिए है?”

अब मोहल्ले वालों को शक होने लगा है कि कहीं दरोगा जी के घर पर पायलट प्रोजेक्ट तो नहीं चल रहा? “हर घर जल” से पहले “हर घंटे जल” की सुविधा किसी आम आदमी को नहीं मिली।

जलभराव इतना हो गया है कि बच्चों ने घर के अंदर ही नाव चलाने की योजना बना ली है। और मुहल्ले की आंटियाँ कहती हैं – "इतना पानी तो स्विमिंग पूल में भी नहीं होता।"


एक निवेदन

सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन है –
"हर घर जल" अच्छी बात है, लेकिन "हर कोना जलमग्न" नहीं।

दरोगा जी का घर अभी भिगो ही रहे हो, कहीं अगली बार थाना ही न तैरने लगे।


📍स्थान: [गुप्त मोहल्ला], उत्तर प्रदेश
✍🏼 संवाददाता: ज़मीर आलम
📞 संपर्क: 8010884848
🌐 वेबसाइट: www.salamkhaki.com
📧 ईमेल: salamkhaki@gmail.com

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