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“सलाम खाकी” – पुलिस परंपरा, सम्मान और समर्पण का जीवंत उदाहरण: जनपद मुजफ्फरनगर में बड़े खाने का आयोजन

लेखक: ज़मीर आलम | स्रोत: राष्ट्रीय समाचार पत्रिका “सलाम खाकी”


मुज़फ्फरनगर | दिनांक: 28 जुलाई 2025

खाकी वर्दी सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि वह प्रतीक है जो निस्वार्थ सेवा, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का संदेश देती है। इसी खाकी के सम्मान में आज एक अद्भुत दृश्य जनपद मुजफ्फरनगर के पुलिस लाइन स्थित मंदिर प्रांगण में देखने को मिला, जहां पुलिस परिवार ने एक साथ बैठकर अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण का उत्सव मनाया – परंपरागत “बड़ा खाना”

इस विशेष आयोजन में गरिमा और आत्मीयता दोनों का अद्वितीय संगम देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत उस क्षण से हुई, जब पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर रेंज, श्री अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर, श्री उमेश मिश्रा, और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्री संजय कुमार वर्मा ने परंपरा का निर्वाह करते हुए स्वयं पुलिस कर्मियों को अपने हाथों से भोजन परोसा। यह दृश्य केवल परंपरा नहीं, बल्कि नेतृत्व, सहयोग और संवेदनशीलता का प्रतीक बन गया।


बड़े खाने की ऐतिहासिक परंपरा

बड़ा खाना” केवल एक भोज नहीं है, यह पुलिस विभाग की आत्मीयता और परंपरा का वह सूत्र है, जो प्रशासन और पुलिसकर्मियों को एक सूत्र में बांधता है। यह वह अवसर होता है जब अधिकारियों और जवानों के बीच औपचारिकताओं की दीवारें गिरती हैं और ‘हम’ की भावना प्रबल होती है।


सेवा और समर्पण का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारियों ने विगत माहों में विभिन्न अवसरों पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के अथक परिश्रम को नमन किया।
विशेष रूप से कांवड़ यात्रा, ईद, बकरीद, और गुरुपूर्णिमा जैसे पर्वों के सफल आयोजन में पुलिसकर्मियों की सजगता, संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को सराहा गया।

इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि—

"पुलिस कर्मियों की सतर्कता ही जन सुरक्षा की असली गारंटी है। इस खाकी में जो तपस्या है, उसका सम्मान हम सबका कर्तव्य है।"


एकजुटता और मनोबल का प्रतीक

इस आयोजन में मुजफ्फरनगर जनपद के समस्त थानों, शाखाओं एवं कार्यालयों से सैकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद रहे। सभी ने एक साथ बैठकर भोजन किया, आत्मीय संवाद किया और यह अनुभव साझा किया कि इस कठिन सेवा में एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है।


"सलाम खाकी" – इस परंपरा को करता है नमन

“सलाम खाकी” एक ऐसी राष्ट्रीय पत्रिका है, जो पुलिस विभाग के उन सिपाहियों को सम्मान देती है जो चुपचाप अपने फर्ज को निभाते हुए देश को सुरक्षित रखते हैं।
आज का यह आयोजन “सलाम खाकी” की उसी सोच का जीवंत प्रमाण बना कि—

“खाकी की गरिमा को सिर्फ सलामी नहीं, साथ भी चाहिए।”


लेखक संपर्क:
ज़मीर आलम
प्रधान संपादक, सलाम खाकी
📞 8010884848
🌐 www.salamkhaki.com
📧 salamkhaki@gmail.com


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