मुजफ्फरनगर। जनपद की रिजर्व पुलिस लाइन में शुक्रवार को आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के तत्वावधान में तीन दिवसीय ‘आनंद अनुभूति शिविर’ का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलन व श्री श्री रविशंकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस शिविर का विशेष संचालन एसएसपी संजय वर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती नीलम राय वर्मा द्वारा किया गया, जो आर्ट ऑफ लिविंग की प्रमाणित एवं अनुभवी प्रशिक्षिका हैं। उन्होंने लगभग 45 पुलिसकर्मियों को ध्यान, योग, प्राणायाम व सुदर्शन क्रिया की विधियों से परिचित कराते हुए तनाव, चिंता और मानसिक दबाव को दूर करने की उपयोगी तकनीकों का अभ्यास कराया।
श्रीमती नीलम वर्मा ने सरल और सहज भाषा में पुलिसकर्मियों को बताया कि किस प्रकार नियमित योगाभ्यास और ध्यान जीवन में न केवल मानसिक संतुलन लाते हैं, बल्कि कार्यक्षमता और निर्णय क्षमता को भी बेहतर बनाते हैं। पुलिस की चुनौतीपूर्ण ड्यूटी में जब शारीरिक स्फूर्ति के साथ मानसिक स्थिरता भी जुड़ती है, तो न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है, बल्कि विभागीय कार्यों में भी गुणवत्ता दिखाई देती है। उनके शब्दों में आत्मविश्वास, अनुभव और आंतरिक अनुशासन की झलक स्पष्ट दिखाई दी, जिसे सुनकर पुलिसकर्मियों ने एक नई ऊर्जा महसूस की।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने कहा कि इस प्रकार के योग शिविर समय की आवश्यकता हैं और पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की कार्यप्रणाली को यदि भीतर से मजबूती दी जाए, तो उसका असर सीधे कानून व्यवस्था और समाज की सुरक्षा पर भी सकारात्मक रूप से पड़ता है। उन्होंने श्रीमती नीलम राय वर्मा के इस योगदान को सराहनीय बताते हुए कहा कि वे न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज और विभाग के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं।
शिविर में शामिल सभी पुलिसकर्मियों ने इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। कई पुलिसकर्मियों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण सिर्फ शरीर नहीं, मन के भीतर तक असर करता है। कार्यक्रम का वातावरण शांत, अनुशासित और ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, जहां नीलम राय वर्मा की आवाज़ और निर्देश मानो हर दिल को भीतर से छू रहे थे।
मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में आयोजित यह शिविर सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पुलिस विभाग की कार्यशैली में आत्मिक सुदृढ़ता जोड़ने की एक उल्लेखनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।सलाम खाकी से गुलवेज़ आलम
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