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*डीजीपी हरियाणा श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने अपराध व कानून-व्यवस्था की स्थिति पर समीक्षा की।*


*चुनौतियों का सामना करने व पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कार्ययोजना की गई तैयार।*


हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी. के. अग्रवाल ने रविवार को पुलिस अधिकारियों को अपराध के सभी गंभीर और अन्य मामलों पर नजर रखने तथा लंबित मामलों की त्वरित जांच करने का निर्देश दिया ताकि आरोपियों को सजा मिल सके। उन्होंने भगोड़े अपराधियों और जमानत पर बाहर होकर फरार होने वाले आरोपियों के खिलाफ भी सख्ती के निर्देश दिए। उनकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाने के आदेश दिए जिन अपराधियों द्वारा अवैध तरीके से संपति अर्जित कर विभिन्न सरकारी विभागों की जमीन पर कब्जा किया हुआ है उसे मुक्त कराया जा सके।




 उन्होंने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस जींद में हुई बैठक में हिसार रेंज के एसपी, एएसपी,डीएसपी व अन्य राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के साथ नशा, अपराध, कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक मुद्दे व पुलिस विभाग की अन्य चुनौतियों से संबंधित स्थिति पर समीक्षा की। 




इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हिसार रेंज राकेश कुमार आर्य, पुलिस अधीक्षक जींद नरेंद्र बिजारनिया, एसपी हिसार लोकेंद्र कुमार, एसपी सिरसा अर्पित जैन, एसपी फतेहाबाद आस्था मोदी, एसपी हांसी नितिका गहलोत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जींद अर्श वर्मा, एएसपी नरवाना कुलदीप सिंह व अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए।



इस दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और अपराध के आंकड़ों, सभी जिलों की परफॉर्मेंस व अन्य विषयों की समीक्षा की। साथ ही अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए कार्य योजना भी तैयार गई। डीजीपी ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हिसार रेंज में संपत्ति विरुद्ध अपराधों में वृद्धि हुई है।




 चोरी गृह भेदन के मामले भी बढ़े हैं जिनको ट्रेस करना एक चुनौती है। हालांकि ट्रेस करने का आंकड़ा भी बढ़ा है। अपराध, नशा, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संगठित होना बेहद जरूरी है। नशे को लेकर डिमांड और सप्लाई पर भी कड़ी नजर रखना जरूरी है। नशे को लेकर सिरसा और फतेहाबाद के जिन इलाकों में स्थिति गंभीर रही है या जो क्षेत्र ज्यादा प्रभावित रहे हैं उनमें पुलिस ने दिन रात मेहनत की व स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा बनाई गई अलग-अलग कमेटियां द्वारा इस पर कार्य किया जा रहा है। युवाओं को नशे से बचाने व शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हेतु विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य किया जाना जरूरी ताकि नशे के आदी हो चुके युवाओं को मुख्यधारा में लाया जा सके।


डीजीपी ने यह भी कहा कि अधिकारियों को लोगों की शिकायतें सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनी जाए और उसकी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाए।उन्होंने पुलिस कर्मियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की और अधिकारियों से उनकी चिकित्सा, स्वास्थ्य और शैक्षणिक सुविधाओं पर ध्यान देने को कहा। डीजीपी ने उन्हें संबंधित क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था में सुधार करने के भी निर्देश दिए।


सलाम खाकी न्यूज़ फतेहाबाद से

 ब्यूरो चीफ़

 उजागर सिंह की रिपोर्ट 






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